B.Sc II Sem

 HINDI BHASHA MEM SANCHAR AUR RACHNATAMAK LEKHAN BHAG II

COURSE CODE -HIN2FA104(2)

                                   काल 

क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे 'काल' कहते है |

  काल के तीन भेद है  - भूतकाल ,वर्तमानकाल, और भविष्यत काल 

जो समय चल रहा है  👉  वर्तमान काल (present Tense) 

जो समय बीत चुका है 👉  भूतकाल(Past Tense)  

जो समय आने वाला है👉 भविष्यत काल (Future Tense)

काल का परिचय वीडियो       

भूतकाल(Past Tense)

 क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो ,उसे भूत काल कहते है | भूतकाल के छः रूप है |

   (i)सामान्य भूतकाल (Simple Past)-   राम ने पुस्तक पढ़ा 

   (ii)  आसन्न भूतकाल (Recent Past) -राम ने पुस्तक पढ़ा  है |

   (iii)पूर्ण भूतकाल (Complete Past) -राम ने पुस्तक पढ़ा  था |

   (iv)अपूर्ण भूतकाल (Incomplete Past) -राम पुस्तक पढ़ रहा था |

   (v)संदिग्ध भूतकाल (Doubtful Past) -राम ने पुस्तक पढ़ा  होगा 

   (vi)हेतुहेतुमद् भूत (Conditional Past) -

भूतकाल -हिंदी अध्ययन मंडल ऍफ़.एम्

काल का परिचय 

सामान्य भूतकाल -क्रिया के जिस रूप से भूतकाल के किसी विशेष समय का निश्चय नहीं होता ,उसे सामान्य

 भूतकाल कहते है|

क्रिया        सामान्य भूतकाल क्रिया रूप 

चल           चला 

दौड़          दौड़ा 

पी              पिया 

खा            खाया         

जा             गया 

कर           किया 

हो             हुआ       

आसन्न भूतकाल -क्रिया के जिस रूप से यह समझा जाये की क्रिया के व्यापार को बीते अधिक समय न हुआ

 हो,उसे आसन्न भूतकाल कहते है | सामान्य भूतकाल क्रिया के साथ वर्तमान काल के चिह्न "है" जोड़ कर आसन्न

 भूतकाल रूप बनाता है|


सामान्य भूतकाल रूप           आसन्न भूतकाल रूप 

लडका आया                          लड़का आया है |

लडके आये                            लडके आये हैं|

लडकी आयी                          लडकी आयी है 

लडकियाँ आयीं                      लडकियाँ आयी हैं 

चला                                     चला है ,चले हैं,चली है,चली हैं 

गया                                      गया है,गए है,गयी है,गयी हैं 

पूर्ण भूतकाल 

   क्रिया के जिस  रूप से यह मालूम हो कि उसके व्यापार को समाप्त हुए बहुत  समय बीता चुका है,पूर्ण भूतकाल

 कहलाता है |

सामान्य भूतकाल                    पूर्ण भूतकाल 

लडका आया                          लड़का आया था  |

लडके आये                            लडके आये थे |

लडकी आयी                          लडकी आयी थी  

लडकियाँ आयीं                      लडकियाँ आयी थीं  

चला                                      चला था  .चले थे,चली थी ,चली थीं 

गया                                      गया था ,गये  थे ,गयी थी  ,गयी थीं   

अपूर्ण भूतकाल 

    क्रिया के जिस रूप से यह माना जाय कि क्रिया भूतकाल में हो रही थी,मगर उसकी

 समाप्ति का पता न लगे ,उसे अपूर्ण भूतकाल कहलाता है | सामान्य भूत काल रूप के

 साथ ता था /ते थे /ती थी /ती थीं जोड़ने से अपूर्ण भूतकाल रूप बनता है |

सामान्य भूतकाल                   अपूर्ण भूतकाल  

लडका आया                          लड़का आ रहा था / आता था |

लडके आये                            लडके आ रहे  थे /आते थे

लडकी आयी                          लडकी आ रही थी  /आती थी

लडकियाँ आयीं                      लडकियाँ आ रही थीं  /आती थीं

चला                                     चलता था .चलते थे,चलती थी ,चलती थीं 

                      चल रहा था  .चल रहे थे,चल रही थी ,चल रही थीं 

 जाना                  जाता था ,जाते थे ,जाती थी ,जाती थीं   

                      जा रहा था,जा रहे थे,जा रही थी ,जा रही थीं                      

संदिग्ध भूतकाल 

    क्रिया के जिस रूप से भूतकाल तो पाया जाय किन्तु उसके होने में कुछ संदेह हो,संदिग्ध भूतकाल कहते हैसामान्य भूतकाल की क्रिया के साथ होगा,होंगे,होगी ,होंगी जुड़ने से सदिग्ध भूतकाल रूप बनते है |

सामान्य भूतकाल                संदिग्ध    भूतकाल 

लडका आया                          लड़का आया होगा

लडके आये                            लडके आये होंगे

लडकी आयी                          लडकी आयी होगी

लडकियाँ आयीं                      लडकियाँ आयी होंगी

चला                                     चला होगा,चले होगे,चली होगी,चली होंगी

                       गया होगा,गये होगे,गयी होगी.गयी होंगी    

हेतु हेतुमद भूतकाल  

    क्रिया के जिस रूप से यह पाया जाय कि कार्य का भूतकाल में होना संभव था ,मगर किसी कारणवश नहीं हो सका,हेतु हेतुमद  भूतकाल कहते है |

अगर वह आता तो मैं जाता 

💻काल वीडियो कलास १

💻 काल वीडियो क्लास २

  'ने' का नियम 

1. कर्तृवाच्य  में यदि कोई सकर्मक क्रिया  भूतकाल के सामान्य,आसन्न,पूर्ण  अपूर्ण भूतकाल रूपों में

 आता है  तो कर्ता के साथ 'ने' प्रत्यय लगता  है।  

राम ने आम खाया 

2.'ने'  प्रत्यय लगते  समय क्रिया कर्ता के लिंग वचन के अनुसार न बदलकर कर्म के लिंग ,वचन के अनुसार  बदलता  है |

राम ने पुस्तक पढ़ी , सीता ने कपड़े खरीदे 

3.वाक्य में  कर्म के न रहने पर क्रिया हमेशा पुल्लिंग एक वचन होता  है |

         सीता ने खाया |

         लडकों ने गाया 

शंकर ने खेला 

4.वाक्य में कर्ता के साथ 'ने' प्रत्यय  और  कर्म के साथ 'को प्रत्यय लगने पर  क्रिया हमेशा पुल्लिंग एक

 वचन होता  है |

माँ ने बच्चों को खिलाया|

लडके ने बिल्ली को मारा |

5. बोलना, भूलना ,लाना , क्रियाओं के प्रयोग करते   वक्त कर्ता  के साथ  'ने' प्रत्यय   नहीं  लगाता  

हम सभा में बोले |

 राम आम लाया |

मैं भूल गया 

6.सक,चुक,लग क्रियाओं के प्रयोग करते   वक्त कर्ता  के साथ  'ने' प्रत्यय   नहीं  लगाता  

लडके क्रिकेट खेलने लगे |

ललिता पाठ लिख चुकी |

💻 ने का नियम -वीडियो क्लास

  वर्तमान काल 

वर्तमान काल (present Tense) 

  क्रिया के जिस रूप से वर्तमान  समय में क्रिया –व्यापार के संपन्न होने का बोध हो उसे वर्तमान

 काल कहते है |

वर्तमान काल के तीन भेद  है-

       (i)सामान्य वर्तमानकाल 

       (ii)अपूर्ण वर्तमानकाल|

      (III)संदिग्ध  वर्तमानकाल 

सामान्य वर्तमानकाल 

क्रिया का वह रूप जिससे  सामान्य रूप से क्रिया  का वर्तमान काल में होना  पाया जाय ,सामान्य वर्तमान काल

 कहते है |धातु के साथ पुरुष,लिंग और वचन के अनुसार ‘ता हूँ’‘,’ती हूँ’,’ते हो’,ती हो’,’ता है’,’ते है’,’ती है’

 आदि जुड़ने से सामान्य वर्तमान काल रूप बनता है |  

   

मैं (पुल्लिंग )

जा

ता हूँ

मैं (स्त्री लिंग )

जा

ती हूँ

तुम (पुल्लिंग )

जा

ते हो

तुम (स्त्री लिंग )

जा

ती हो

वह (पुल्लिंग )

जा

ता है

वह (स्त्री लिंग )

जा

ती है

वे (पुल्लिंग )

जा

ते हैं

वे (स्त्री लिंग )

जा

ती हैं

लड़का

जा

ता है

लडके

जा

ते हैं

लडकी

जा

ती है

लडकियाँ

जा

ती हैं

 अपूर्ण वर्तमानकाल|

  क्रिया का वह रूप जिससे यह मालूम  हो कि क्रिया अभी जारी है अपूर्ण वर्तमान काल कहते है | धातु के साथ पुरुष,लिंग और वचन के अनुसार रहा  हूँ’‘,’रही  हूँ’,’रहे  हो’,रही  हो’,’रहा  है’,’रहे  है’,’रही  है’ आदि जुड़ने से अपूर्ण  वर्तमान काल रूप बनता है 

मैं (पुल्लिंग )

जा

रहा हूँ

मैं (स्त्री लिंग )

जा

रही हूँ

तुम (पुल्लिंग )

जा

रहे हो

तुम (स्त्री लिंग )

जा

रही हो

वह (पुल्लिंग )

जा

रहा है

वह (स्त्री लिंग )

जा

रही है

वे (पुल्लिंग )

जा

रहे हैं

वे (स्त्री लिंग )

जा

रही हैं

लड़का

जा

रहा है

लडके

जा

रहे हैं

लडकी

लडकियाँ 

जा

जा 

रही है

रही हैं 


संदिग्ध  वर्तमान काल

   क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान काल की क्रिया के होने में संदेह पाया जाय  संदिग्ध

 वर्तमान काल कहते है | धातु के साथ पुरुष,लिंग और वचन के अनुसार ता हूँगा ’‘,’ती

 हूँगी ’,’ता होगा,ती होगी ’,ता होगा ’,’ते होंगे ’,’ती होगी ’ ,ती होंगी आदि जुड़ने से

संदिग्ध  वर्तमान काल बनता है 

मैं (पुल्लिंग )

जा

ता हूँगा  

मैं (स्त्री लिंग )

जा

ती हूँगी  

तुम (पुल्लिंग )

जा

ता होगा 

तुम (स्त्री लिंग )

जा

ती होगी 

वह (पुल्लिंग )

जा

ता होगा 

वह (स्त्री लिंग )

जा

ती होगी 

वे (पुल्लिंग )

जा

ते होंगे 

वे (स्त्री लिंग )

जा

ती होंगी 

लड़का

जा

ता होगा 

लडके

जा

ते होंगे 

लडकी

लडकियाँ 

जा

जा 

ती होगी

ती होंगी 



सामान्य वर्तमान काल

तात्कालिक/अपुर्ण  वर्तमान

संदिग्ध वर्तमान काल

राम चलता है

राम चल रहा है

राम चलता होगा

सीता चलती है

सीता चल रही है

सीता चलती होगी

वह चलता है  

वह चल रहा  है

वह चलता होगा

वे चलते हैं

वे चल रहे हैं

वे चलते होंगे


वर्तमानकाल -हिंदी अध्ययन मंडल ऍफ़.एम्

💻वर्तमान काल वीडियो क्लास

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 भविष्यत काल (Future Tense)

क्रिया के जिस रूप से आनेवाले काल का बोध हो ,उसे भविष्यत काल कहते  है | इसके दो भेद है         (i) सामान्य भविष्यत काल 

                    (ii) सम्भाव्य भविष्यत काल

सामान्य भविष्यत काल

     क्रिया का वह रूप जिससे सामान्य रीति से क्रिया के आगे होने की  सूचना मिले ,सामान्य भूतकाल कहते है |धातु के साथ पुरुष,लिंग और वचन  के अनुसार ऊँगा,ऊँगी,एगा.एगी आदि जुड़ने से सामान्य भविष्यत कालीन  रूप बनता है |

मैं (पुल्लिंग )

जा

ऊँगा 

मैं (स्त्री लिंग )

जा

ऊँगी 

तुम (पुल्लिंग )

जा

ओगे 

तुम (स्त्री लिंग )

जा

ओगी 

वह (पुल्लिंग )

जा

एगा

वह (स्त्री लिंग )

जा

एगी 

वे (पुल्लिंग )

जा

येंगे 

वे (स्त्री लिंग )

जा

येंगे 

लड़का

जा

एगा 

लडके

जा

एंगे 

लडकी

जा

एगी 

लडकियाँ 

जा 

येंगी   


संभाव्य भविष्यत काल

  क्रिया के जिस रूप से क्रिया व्यापार के भविष्यत काल में होने की संभावना पायी जाय,उसे संभाव्य भविष्यत काल कहते है | सामान्य भविष्यत काल रूप से ‘गा’.गे ,गी अलग करने से संभाव्य भविष्यत काल रूप बनता है |

मैं (पुल्लिंग )

जा

ऊँ

मैं (स्त्री लिंग )

जा

ऊँ

तुम (पुल्लिंग )

जा

तुम (स्त्री लिंग )

जा

वह (पुल्लिंग )

जा

वह (स्त्री लिंग )

जा

वे (पुल्लिंग )

जा

यें

वे (स्त्री लिंग )

जा

यें

लड़का

जा

लडके

जा

एं

लडकी

जा

लडकियाँ 

जा 

यें  

भविष्यत काल  HAM  FM

    क्रियाविशेषण

1. क्रियाविशेषण -जो अविकारी शब्द क्रिया की कोई  विशेषता प्रकट करें,उसे  क्रियाविशेषण कहते है |

    तुम यहाँ आओ |सीता,धीरे चलो | 'यहाँ','धीरे'शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करता है |

अर्थ के अनुसार क्रिया विशेषण चार प्रकार के है 

1 .कालवाचक क्रिया विशेषण –जिन क्रिया विशेषण से किर्या के काल का बोध होता है

                      जैसे - अब,जब,कब,आज

2.स्थानवाचक क्रियाविशेष्ण –जिन क्रिया विशेषण से किर्या के स्थान का  बोध होता है

                      जैसे – कहाँ,वहाँ,जहाँ,पास,सर्वत्र 

3.परिमाणवाचक क्रिया विशेषण -–जिन क्रिया विशेषण से किर्या के परिमाण  का बोध होता है

                      जैसे – थोडा,बहुत,कम

4.रीतिवाचक क्रिया विशेषण - जिन क्रिया विशेषण से किर्या की रीति का बोध होता है

                      जैसे – ऐसे,जैसे,कैसे ,धीरे,एकाएक  

         अध्याय 14   संबंध बोधक

.संबंध बोधक - जो अविकारी शब्द संज्ञा और सर्वनाम के साथ प्रयुक्त   हो करउनका संबंध प्रकट करता है संबंध

 बोधक कहते है |

स्कूल के सामने मैदान है| घर के पास  मस्जिद है |यहाँ 'के सामने'और'के पास 'सम्बन्ध बोधक है |

प्रयोग के अनुसार संबन्धबोधक  अव्ययों के दो भेद है

👉 संबद्ध संबन्धबोधक 

👉 अनुबद्ध संबन्धबोधक

 संबद्ध संबन्धबोधक –जो संबंध बोधक अव्यय विभक्तियों के आगे प्रयुक्त होते है

               जैसे  राम के पास रुपया है |

                    इस के सिवा क्या चाहिए ?

अनुबद्ध संबन्धबोधक –जो संबंध बोधक अव्यय संज्ञा के बाद विभक्ति रहित रूप में प्रयुक्त

                  होता है

     जैसे -       बच्चों सहित ,तार द्वारा खबर दें 

                    समुच्चय बोधक

समुच्चय बोधक - जो अव्यय शब्दों ,वाक्यों अथवा वाक्य्खंडों को परस्पर मिलाते है  समुच्चय बोधक कहते है|

'और','यदि',अगर,'अथवा',क्योंकि ''इसलिए'आदि समुच्चय बोधकहै |

समुच्चय बोधक दो प्रकार का है 

👉 समानाधिकरण समुच्चय बोधक

👉 व्यधिकरण समुच्चयबोधक 

 1.समानाधिकरण समुच्चय बोधक – जो समुच्चयबोधक समान स्थितिवाले दो वाक्यों या वाक्य खंडो को जोड़ता है

   राम और कृष्ण| अगर वह आता तो मैं जाता |

व्यधिकरण समुच्चयबोधक –जो समुच्चयबोधक आश्रित उप वाक्य को मुख्य उप वाक्य के साथ जोड़ता है

     बच्चा रोता है | वह बीमार है #####     बच्चा रोता है क्योंकि  वह बीमार है

     मैं बीमार था | अस्पताल गया #####    मैं बीमार था इसलिए अस्पताल गया


विस्मयादिबोधक-वक्ता के विस्मय,दुःख आदि मनोभाव प्रकट करने के लिए प्रयुक्त अव्यय है ,विस्मयादिबोधक

 अव्यय|

वाह!कितना सुंदर फूल |

राम -राम !यह तुम क्या कह  रहे हो ?

💻 अविकारी शब्द वीडियो क्लास 

💻 अव्यय वीडियो क्लास 


मोहन राकेश  -आर्द्रा 

मोहन राकेश के बचपन का नाम मदन मोहन गुगलानी था 

नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर 

उपन्यास- अँधेरे बंद कमरे, अन्तराल

नाटक- आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, 'आधे अधूरे'

कहानी संग्रह -क्वार्टर तथा अन्य कहानियाँ, पहचान तथा अन्य कहानियाँ, वारिस तथा अन्य कहानियाँ।

'सारिका' के संपादक

कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु-अपने हर बच्चे से प्यार करनेवाली माँ की कहानी 
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण-बचन- माँ ,बिन्नी ,लाली - बचन की लड़के
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य

हिंदी साहित्य की कवयित्री,लेखिका 
साठोत्तरी महिला कहानीकारों में अपना प्रमुख स्थान 
कहानी संग्रह: छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है अदि 
उपन्यास : बेघर, नरक दर नरक), एक पत्नी के नोट्स, दौड़), ,सपनों की होम डिलीवरी आदि 
कविता संग्रह : खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी
नाटक-यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे
अनुवाद : मानवता के बंधन (उपन्यास - सॉमरसेट मॉम)
कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य
 निद्राघोर  -राजेश जैन 
उपन्यास : गीली धूप, बाँध-वध, बर्ड हिट, सूरज में खरोंच, टावर ऑन द टेरेस, सुरंग में गुफाएँ
कथा संग्रह : बिके हुए सन्दर्भ, झूठे आकाश, काला तोता
नाटक : चिन्दी मास्टर, चिमनी चोगा, वायरस, कोयला चला हंस की चाल
यात्रा संस्मरण : पैर, पहिये और पंख

कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य

अज्ञेय -लेटर बॉक्स 

 प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि 

प्रेम और प्रकृति के कवि 
 'सैनिक' और 'विशाल भारत' नामक पत्रिकाओं का संपादन 
कविता संग्रह - भग्नदूत, इत्यलम, हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्र धनु रौंदे हुए ये, अरी ओ करूणा प्रभामय, आंगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, सागर-मुद्रा, महावृक्ष के नीचे, और ऐसा कोई घर आपने देखा है।
कहानी-संग्रह : विपथगा, परंपरा, कोठरी की बात, शरणार्थी, जयदोल, ये तेरे प्रतिरूप |
उपन्यास: शेखर: एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने अपने अजनबी।
यात्रा वृत्तांत: अरे यायावर रहेगा याद, एक बूंद सहसा उछली।
निबंध संग्रह : सबरंग, त्रिशंकु, आत्मनेपद, आधुनिक साहित्य: एक आधुनिक परिदृश्य, आलवाल,
संस्मरण :स्मृति लेखा
डायरियां : भवंती, अंतरा और शाश्वती।
विचार गद्य :संवत्‍सर

लेटर बॉक्स  भारत -पाक विभाजन पर आधारित मार्मिक कहानी 
मुख्य  पात्र 
लेखक 
रोशन नामक लड़का जो शरणार्थी क्याम्प में रहता है 
कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
 3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य

भगवती चरण वर्मा- प्रायश्चित 

 उपन्यास :  पतन, चित्रलेखा, तीन वर्ष, टेढ़े-मेढ़े रास्ते,  भूले-बिसरे चित्र, सामर्थ्य और सीमा, सबहिं नचावत राम गोंसाईं, प्रश्न और मरीचिका आदि 

कहानी-संग्रह : दो बाँके, मोर्चाबंदी, राख़ और चिंगारी, इनस्टॉलमेंट।

काव्य-संग्रह : मधुकण, प्रेम-संगीत, मानव।

नाटक : वसीहत, रुपया तुम्हें खा गया, सबसे बड़ा आदमी।

संस्मरण : अतीत के गर्त से।

साहित्यालोचन : साहित्य के सिद्धांत तथा रूप।

 छायावादी कवि और प्रेमचंदोत्तर युग के प्रमुख उपन्यासकार

कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
 3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य

एस .आर.हरनोट -आभी 

आकाशबेल-कहानी संग्रह

 हिडिम्ब   उपन्यास

मिट्टी के लोग -कहानी संग्रह  


कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण-आभी,बूढी नागिन माँ ,तालाब 
नाग
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य

                               लड़की का एकांत - अनुराधा सिंह 

समकालीन  हिंदी स्त्री-कविता के कवयित्री और अनुवादक  

‘ईश्वर नहीं नींद चाहिए’  पहला काव्य-संग्रह है।

मानवतावादी एवं विचारपरक कविताओं की रचयिता 

                               किसान और आत्महत्या-हरीश चंद्र पण्डे 

                                हमारा समाज- वीरेन डंगल 

आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित कवि एवं लेखक

‘अमृत प्रभात’ में  ‘घूमता आईना’ शीर्षक से स्तंभ-लेखन 

 काव्य-संग्रह ‘इसी दुनिया में’, ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’

                             कैलाश बनवासी- झुका हुआ गाँव  

हिन्दी के प्रमुख कथाकार 

'बाजार में रामधन',लक्ष्य तथा अन्य कहानियाँ

उपन्यास -‘लौटना नहीं है’

                            बेटियां आत्मा की पुतलियों में रहती है -  जितेन्द्र श्रीवास्तव

हिंदी की समकालीन कवि 

कविता संग्रह : इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर-सुंदर, बिलकुल तुम्हारी तरह

 भारतीय समाज की समस्याएँ और प्रेमचन्द, भारतीय राष्ट्रवाद और प्रेमचन्द, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म (आलोचना) 

कवि-लेखक जितेंद्र श्रीवास्तव से साक्षात्कार

                                       इस बारिश में- नरेश सक्सेना 

समुद्र पर हो रही है बारिश (कविता-संग्रह)

 प्रेत, हर क्षण विदा है, दौड़ (नाटक) एक हती मनू (बुन्देली नाटक), आदमी का आ (नुक्कड़ नाटक)। 

 'आरम्भ' (त्रैमासिक) का सम्पादन

इस बारिश में -कवि नरेश सक्सेना

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