HIN3FM 107(1) MDC3 B.A

 HIN3FM 107(1) MDC3 KERAL KA SANSKRITHIK ITHIHAS (The Cultural History of Kerala)

चेर राजवंश

Chera dyansty

Ancient South Indian Kingdoms


केरल राज्य के   महान संत एवं समाजसुधारक

केरल राज्य के   महान संत एवं समाजसुधारक

सामजिक क्रान्ति के अग्रदूत 

नारायण गुरु का जन्म  22 अगस्त 1856 में हुआ

शंकराचार्य के समान अद्वैतवाद के प्रवर्तक 

हाशिये पर स्थित लोगों के उत्थान के लिये  श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (SNDP) की स्थापना

1888 में,  अरुविप्पुरम में भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर का निर्माण

1904 में शिवगिरी मठ की स्थापना 

1914 में उन्होंने अलुवा में अद्वैत आश्रम की स्थापना 

20  सितम्बर 1928 को निधन  

दुनिया को दिए महा मंत्र - " एक जाती ,एक धर्म और एक ईश्वर मानव का"

रचनाएँ -आत्मोपदेशशतकं,दैवदशकं,दर्शनमाल,अद्वैतदीपिक आदि 

श्री नारायण गुरु

श्री नारायण गुरु

📺Malayalam Full Movie - Sree Narayana Guru

अय्यनकाली 

अय्यनकाली -(1863 - 1941)  सामाजिक समानता, शिक्षा, और दलित अधिकारों के प्रति समर्पित समाज सुधारक 

अय्यन और माला के पुत्र 

दलित लोगों को रास्ता का इस्तमाल करने का आंदोलन 

दलित लोगों को शिक्षा मिलने का आंदोलन 

केरल की पहली श्रमिक हड़ताल का नायक 

1904 में वेंगनूर में दलितों के लिए केरल का पहला स्कूल खोला 

1907 में अय्यनकली के नेतृत्व में साधु जन परिपालन संगम की स्थापना 

1924 वैकम सत्याग्रह , 1931 में हुए गुरूवयूर सत्याग्रह में भागीदारी 

अय्यनकाली परिचय 1

अय्यनकाली परिचय 2

अय्यनकाली -भाषण

दाक्षायणी वेलयुधन

जन्म  15 1945 में कोचीन विधान परिषद के लिए चुने गए।

1946 में संविधान सभा के लिए चुनी गई दलित जाति की पहली और एकमात्र महिला।

अस्पृश्यता और आरक्षण के खिलाफ आवाज़ उठायी 

अनुसूचित जाति की पहली महिला ग्रेजुएट

मद्रास निर्वाचन क्षेत्र से संसद के सदस्य 

संविधान की केंद्रीकरण प्रवृत्ति की आलोचना : विकेन्द्रीकरण पर बल 

संसद के प्रधम दलित दम्पति 

महिला जागृति परिषद(1977) की स्थापना जुलाई 1912 को मुलावुकाड में 

दलित चेतना और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक

 केरल सरकार द्वारा 2019 में स्थापित दाक्षायणी  वेलायुधन पुरस्कार

दाक्षायणी वेलायुधन के बारे में और पढ़ें

दाक्षायणी वेलयुधन परिचय

Women in Constituent Assembly | Episode 1: Dakshayani Velayudhan

पंडित करुप्पन 

एक कवि, नाटककार और समाज सुधारक

केरल का " लिंकन "

पंडित करुप्पन का मूल नाम -  शंकरन

गुरु -वेलु वैद्य 

14 फरवरी 1913 को कायल सम्मेलन का आयोजन 

1925 में कोचीन विधान सभा का सदस्य 

जाति व्यवस्था और अस्पृश्यता पर सवाल उठाने वाली रचना - जातिकुम्मी 

अरय समाज,कल्याणदायिनी सभा, प्रबोध चंद्रोदय सभा आदि की स्थापना 

पंडित करुप्पन को कवितिलक, साहित्य निपुण  की उपाधि कोचीन के महाराजा ने दी | 

पंडित करुप्पन को विदवान की उपाधि केरल वर्मा वलियाकोई तंपुरान ने दी | 


पंडित करुप्पन परिचय

पंडित करुप्पन परिचय

Pandit karuppan

II

त्यौहार 

त्रिशूर पूरम

Thrissur Pooram history special programme

त्रिशूर पूरम -कूटमाटटम

कुरूमबर नृत्य

कुरुम्बर नृत्य

पणियर कली

पुलिक्कली

പുലികളി

III

के.पी.ए.सी. - केरल पीपुल्स आर्ट्स क्लब है, जो केरल का एक प्रसिद्ध नाट्य आंदोलन है। 1950 के दशक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों द्वारा इसकी स्थापना की गई ।

kpackerala.

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.