B.Sc HIN1FA 102(2)

 HINDI BHASHA MEIN SANCHAR AUR RACHANATMAK LEKHAN - BHAG I

 MODULE 1


भारत का संविधान


👉 भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।
👉 26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस 
👉 26 जनवरी का दिन भारत के  गणतन्त्र दिवस 
👉भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम १९३५(1935) 
👉 भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है|
👉 भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य 
👉भारतीय संविधान लिखने वाली सभा का अध्यक्ष डॉ.राजेंद्र प्रसाद
👉संविधान निर्माण समिति अध्यक्ष - डॉ .भीमराव अंबेड़कर
👉 सदस्य - जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद,
सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि
👉 भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था
👉भारतीय संविधान में 470 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियाँ हैं और ये 25 भागों में विभाजित है।
👉भारतीय संविधान 26.01.1950 को लागू हुआ 
                             भारतीय संविधान के भाग

भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।

भागविषयअनुच्छेद
भाग 1संघ और उसके क्षेत्र(अनुच्छेद 1-4)
भाग 2नागरिकता(अनुच्छेद 5-11)
भाग 3मूलभूत अधिकार(अनुच्छेद 12 - 35)
भाग 4राज्य के नीति निदेशक तत्त्व(अनुच्छेद 36 - 51)
भाग 4Aमूल कर्तव्य(अनुच्छेद 51A)
भाग 5संघ(अनुच्छेद 52-151)
भाग 6राज्य(अनुच्छेद 152 -237)
भाग 7संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित(अनु़चछेद 238)
भाग 8संघ राज्य क्षेत्र(अनुच्छेद 239-242)
भाग 9पंचायत(अनुच्छेद 243- 243O)
भाग 9Aनगरपालिकाएँ(अनुच्छेद 243P - 243ZG)
भाग 10अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र(अनुच्छेद 244 - 244A)
भाग 11संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध(अनुच्छेद 245 - 263)
भाग 12वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वाद(अनुच्छेद 264 -300A)
भाग 13भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम(अनुच्छेद 301 - 307)
भाग 14संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ(अनुच्छेद 308 -323)
भाग 14Aअधिकरण(अनुच्छेद 323A - 323B)
भाग 15निर्वाचन(अनुच्छेद 324 -329A)
भाग 16कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबन्ध सम्बन्ध(अनुच्छेद 330- 342)
भाग 17राजभाषा(अनुच्छेद 343- 351)
भाग 18आपात उपबन्ध(अनुच्छेद 352 - 360)
भाग 19प्रकीर्ण(अनुच्छेद 361 -367)
भाग 20संविधान के संशोधनअनुच्छेद - 368
भाग 21अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध(अनुच्छेद 369 - 392)
भाग 22संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन(अनुच्छेद 393 - 395)

            मौलिक  अधिकार (Fundamental  Writes)
  देश के संविधान द्वारा लागू किया गया मौलिक अधिकार ये है -
  1. समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक।
  2. स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक।
  3. शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक।
  4. धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
  5. सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक।
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32
               मौलिक कर्त्तव्य (Fundamental Duties)  
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 'ए' में मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है. कर्तव्यों को 1976 में सरकार द्वारा गठित स्वर्णसिंह समिति की सिफ़ारिशों पर, 42वें संशोधन के ज़रिए संविधान में जोड़ा गया था.
 
1संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना;
2उन महान आदर्शों को संजोना और उनका पालन करना जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित किया;
3भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना;
4देश की रक्षा करना और ऐसा करने के लिए बुलाए जाने पर राष्ट्रीय सेवा प्रदान करना;
5धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या अनुभागीय विविधताओं से परे भारत के सभी लोगों के बीच सद्भाव और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना; महिलाओं की गरिमा के प्रति अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करना;
6हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना;
7जंगलों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना;
8वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद तथा जांच एवं सुधार की भावना का विकास करना; 
9सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा का त्याग करना;
10व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में प्रयास करना ताकि राष्ट्र लगातार प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर तक बढ़ सके;
11जो माता-पिता या अभिभावक है, वह छह से चौदह वर्ष की आयु के अपने बच्चे या, जैसा भी मामला हो, प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा।

(जानकारी  के लिए  आभार -,भारत सरकार के अंतर्जाल पटल, विकी पीडिया )

2 Screening / viewing – Interview with Geetanjali Sree 1

3 Screening/ viewing – निर्मला एपिसोड - 1,  निर्मला एपिसोड -2

अतिरिक्त जानकारी 

हिंदी के भगीरथ साहित्यकार : मुंशी प्रेमचंद // भाग - 1

हिंदी के भगीरथ साहित्यकार : मुंशी प्रेमचंद // भाग - 2

MODULE II

दो कलाकार -भगवती चरण वर्मा  

छायावादी कवि , प्रेमचंदोत्तर युग के प्रमुख उपन्यासकार
✅उपन्यास- पतन,भूले बिसरे चित्र,सीधी सच्ची बातें आदि
✅कहानी संग्रह -मोर्चाबंदी, इंस्टालमेंट आदि 
✅नाटक-वसीहत,सबसे बड़ा आदमी आदि
काव्य-संग्रह : मधुकण, प्रेम-संगीत, मानव आदि
‘भूले-बिसरे’ चित्र के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार 
भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया 
विचार नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन संपाद
✅'नवजीवन' का सम्पादन  
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
   चूड़ामणि(कवि) और मार्तंड(चित्रकार )  ,बुलाकीदास (मकान मालिक )परमानन्द (प्रकाशक),रामनाथ (एक राईस ) 
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य
7. अभिनेयता 
MODULE III

              भक्तिकाल  हिंदी साहित्य के स्वर्ण युग    

                भक्ति दो प्रकार का 👉  सगु भक्ति और निर्गुण भक्ति

   1.सगुण भक्ति –राम(तुलसीदास)

                      कृष्ण( सूरदास,मीराबाई )

   2.निर्गुण भक्ति –ज्ञानाश्रयी( कबीरदास )

                       प्रेमाश्रई (जायसी)    

                            कबीर दास 

  👉  15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत ।  
 👉  ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रवर्तक कवि 
 👉 रामानंद का शिष्य 
  👉 अनपढ़ फकीर 
 👉 देशाटन और साधुओं की संगति से ज्ञानी बने 
 👉 गुरु को प्रमुख स्थान 

कबीरदास  का ईश्वर  - निर्गुण-निराकार ब्रह्म  
 *कबीर का सारा जीवन सत्‍य की खोज तथा असत्‍य के खंडन में व्‍यतीत हुआ। 
 *कवि और समाज सुधारक 
सधुक्कड़ी या पचमेल खिचड़ी  भाषा 
*जनभाषा का प्रयोग 
*कबीरदास वाणी का डिक्टेटर कहा  - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी 
*कबीर भारतीय संस्कृति का हीरा
*धर्मदास ने कबीरदास की वाणियों का संग्रह " बीजक " नाम के ग्रंथ मे किया |" बीजक " के तीन भाग है |
     'साखी',सबद और 'रमैनी'
 📹 कबीरदास परिचय - वीडियो क्लास  
माया दीपक नर पतंग, भ्रमि भ्रमि इवैं पडंत।
कहै कबीर गुर ग्यान तैं, एक आध उबरंत॥

    दीपक या रौशनी पर आकृष्ट होकर पतंग अंत में उसी में गिर कर मर जाता है | उसी प्रकार मानव भी माया के चककर  में पड़ कर अपना जीवन नष्ट कर डालता है | मानव जीवन बहुत विरले ही मिलते है | इसलिए माया के चककर में पड़कर उसे नष्ट करना सही नहीं है | माया के चककर से बचने की तरीका गुरु हमें बता देंगे | माया रुपी से आग से पतंग रुपी मानव को गुरु बचाता है |
              माया 👉 दीपक 
              मानव 👉पतंग  
पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय ।
ढाई अक्षर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।।
      कबीर दास जी कहते है कि बड़ी-बड़ी  किताबों को पढ़कर, कई  लोग मर चुके  हैं,| लेकिन  सभी विद्वान नहीं बन सके। कबीर दास कहते  है कि यदि कोई प्यार का केवल ढाई अक्षर के अर्थ को अच्छे से समझ लेता है तो वही सच्चा ज्ञानी  है।प्यार का वास्तविक अर्थ समझनेवाला ही सही ज्ञान का अधिकारी बनेंगे 
           रहीम के दोहे 
👉अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना या रहीम मध्यकालीन कवि
👉अकबर के दरबार के हिन्दी कवि
👉अकबर ने इन्हें 'मीर अर्जु' का पद, 'खानखाना' और ‘वकील’ की उपाधि दी 
👉रहीम अरबी, फ़ारसी, संस्कृत आदि कई भाषाओं के पंडित थे 
👉रचनाएँ रहीम दोहावली या सतसई, श्रृंगार सोरठा, मदनाष्टक और रासपंचाध्यायी

"तरुवर फल नहिं खात है,सर्वर पियहि न पान 
कह रहीम परकाज हित ,सम्पति सुछी सुजन "
     तरुवर अपने फल स्वयं नहिं खाते है और सरोवर अपनी पानी नही पीते है |उसी प्रकार सज्जन को अपनी सम्पत्ति परहित के लिए ही इस्तमाल करना है |                     
  कहि ‘रहीम’ संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति।
बिपति-कसौटी जे कसे, सोई सांचे मीत॥     
      धन सम्पत्ति हमारे पास होने पर कई लोग हमारे साथ होंगे|कोई आपति आने पर जो हमारे साथ होता है वही
सच्चा मित्र है|दोस्तों को पहचानने की तरीका र्हिम्म यहाँ बताया है |
           बॉस  -गुलज़ार 
✏ गुलज़ार  यथार्थ नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा 
✏ हिंदी ,उर्दू और पंजाबी भाषाओँ में रचना 
रावी पार,चौरस रात अदि कहानियाँ  
✏जन्म,एक बूंद चाँद -कविताएँ 
✏ पद्मभूषण ९२००४)
✏दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (२०१३)
✏ज्ञानपीठ (२०२३)
पात्र -संतोषी,मैथ्यू,रज्जब अली,गफ्फार 
गरीबी की बास छुपाने का कोशिश 
कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
   संतोषी,मैथ्यू,रज्जब अली,गफ्फार
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य
उपग्रह में -शक्ति त्रिवेदी 
♠ वैज्ञानिक कहानी -‘उड़न तश्तरियों का रोमांच’, ‘खँडहर की मैना’
उपन्यास ‘खिलते फूल’,राजा सूरजमल
♠उपग्रह में -वैज्ञानिक कहानी 

कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
   नूतन,पम्पोरा ,पेड़
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य
 निद्राघोर  -राजेश जैन 
उपन्यास : गीली धूप, बाँध-वध, बर्ड हिट, सूरज में खरोंच, टावर ऑन द टेरेस, सुरंग में गुफाएँ
कथा संग्रह : बिके हुए सन्दर्भ, झूठे आकाश, काला तोता
नाटक : चिन्दी मास्टर, चिमनी चोगा, वायरस, कोयला चला हंस की चाल
यात्रा संस्मरण : पैर, पहिये और पंख

कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
   वैज्ञानिक विवेक भाटी ,जी.एम्.खन्ना ,काहितान्य कुमार 
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य
ममता कालिया -आज़ादी 
हिंदी साहित्य की कवयित्री,लेखिका 
साठोत्तरी महिला कहानीकारों में अपना प्रमुख स्थान 
कहानी संग्रह: छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है अदि 
उपन्यास : बेघर, नरक दर नरक), एक पत्नी के नोट्स, दौड़), ,सपनों की होम डिलीवरी आदि 
कविता संग्रह : खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी
नाटक-यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे
अनुवाद : मानवता के बंधन (उपन्यास - सॉमरसेट मॉम)
कहानी के तत्व 
1. कथावस्तु
2.पात्र एवं चरित्र चित्रण
    लेखिका,दादी
3.संवाद
4. देशकाल वातावरण
5. भाषा शैली
6. उद्देश्य

            MODULE IV

       भाषा 

   भाषा -  जिसके  माध्यम से   मनुष्य अपने भावों और विचारों को प्रकट करते है,भाषा कहते है |

  भाषा के प्रकार -    कथित भाषा(  इसमें ध्वनियों का प्रयोग होता है )   और लिखित भाषा  ( इसमें ध्वनियों के प्रतिनधि चिह्नों का प्रयोग होता है ) 

   भाषा के प्रतिनिधि चिह्नों को   वर्ण या  अक्षर कहते है |-

  अक्षरों  के सार्थक समूह  को शब्द कहते है 

 शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य  कहते है |  वाक्यों से भाषा बनती है |

भाषा के सही ज्ञान के लिए  व्याकरण की आवश्यकता है |भाषा के शुद्ध प्रयोग के लिए  व्याकरण की आवश्यकता है |

व्याकरण 

      व्याकरण वह विधा या शास्त्र है ,जिसकी सहयता से मनुष्य शुद्ध भाषा,बोल पढ़ और लिख सकता है |

    व्याकरण   =   वर्ण- शब्द -वाक्य  का वैज्ञानिक अध्ययन 

     वर्ण - दो प्रकार का  स्वर और व्यंजन   

     11 स्वर और 33 व्यंजन        ---         कुल 44  वर्ण 

स्वर

अ , आ , इ  , ई , उ  , ऊ  , ऋ  , ए  , ऐ  , ओ  , औ , अं, अः 

व्यंजन 

क वर्ग – क , ख , ग , घ , डं

च वर्ग – च , छ , ज , झ , ञ

ट वर्ग – ट , ठ , ड , ढ , ण 

त वर्ग – त , थ , द , ध , न

प वर्ग – प , फ , ब , भ , म

      लिपि - वर्णों के लिखने का क्रम  लिपि नाम से जाना जाता है 

  हिंदी देव नागरी लिपि में लिखी जाती है 

💻   वीडियो  क्लास -भाषा,व्याकरण.वर्ण

 संज्ञा 

           विकारी शब्द परिचय        

                   संज्ञा (Noun)

                 संज्ञा वह विकारी शब्द है जिससे किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान,भाव या गुण के नाम का बोध होता हो |

                जैसे - राम ,पुस्तक,दिल्ली,भलाई 

 संज्ञा के तीन भेद है - व्यक्तिवाचक संज्ञा,जाती वाचक संज्ञा और भाव वाचक संज्ञा 

                      1. व्यक्तिवाचक संज्ञा -जिस संज्ञा के द्वारा किसी,व्यक्ति,वस्तु,अथवा स्थान का बोध होता है उसे 

                                                               व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है |       जैसे - राम ,पुस्तक,दिल्ली   

                      2.जातिवाचक संज्ञा -जो संज्ञा एक जाति के समस्त प्राणियों अथवा पदार्थों का बोध कराती है,उसे  

                                                       जाती वाचक संज्ञा कहते है |जैसे-पुस्तक,नदी,मनुष्य 

                      3.भाववाचक संज्ञा -जो संज्ञा किसी पदार्थ के गुण अथवा व्यापार का बोध कराती है,वह भाव   

                                                             वाचक   संज्ञा कहलाती है |जैसे हंसी,खुशी,भलाई 

संज्ञा रूप  लिखिए 

मनुष्य -मनुष्यता         हसना-हसी       रोना-रुलाई              पढना -पढाई 

शिशु-शैशव               खेलना-खेल        लड़ना- लड़ाई        सिलना -सिलाई 

बूढा-बुढ़ापा              चोर-चोरी        काला -कालापन         चढ़ना -चढाई 

मित्र-मित्रता              ठंडा -ठंड      घबराना -घबराहट      लाल-लाली 

संज्ञा - हिंदी अध्यनन मंडल एफ एम  

संज्ञा

💻  संज्ञा -वीडियो देखें

सर्वनाम 

सर्वनाम वाह विकारी शब्द्द है,जो संज्ञा की पुनारुक्ति को दूर करने के लिए उसके ही अर्थ में प्रयुक्त होता है|

सर्वनाम  के छह भेद है |
                1.पुरुषवाचक  सर्वनाम ( उत्तम पुरुष {मैं,हम  मध्यम पुरुष{ तू,तुम, आप},अन्य पुरुष(यह वह  )
              2.निजवाचक सर्वनाम                    (अपने आप,स्वयं )
              3.निश्चयवाचक सर्वनाम               (यह,वह,ये,वे )
              4.अनिश्चयवाचक सर्वनाम           (कोई,कुछ)
              5.सम्बन्ध वाचक सर्वनाम             (जो-वह  )
               6.प्रश्नवाचक सर्वनाम                      (क्या,कब ,क्यों  ...)  

       1.पुरुषवाचक  सर्वनाम -जिस  सर्वनाम के द्वारा  बोलनेवाले का ,सुननेवाले का अथवा जिस व्यक्ति  के बारे

 में बोला जाता है  का बोध  हो पुरुषवाचक  सर्वनाम  कहते है |   इसके तीन भेद है 

                      1. उत्तम पुरुष   -बोलने  या लिखनेवाले  का बोध देता है     {मैं,हम}   

                      2 .मध्यम पुरुष-सुननेवाले के लिए प्रयुक्त्त  होता है { तू,तुम, आप}

                      3.  अन्य पुरुष-जिसके विषय में कुछ कहा  जाय(यह वह ,ये,वे  )

2 .निजवाचक सर्वनाम-जो सर्वनाम अपने आप के लिए प्रयुक्त होता  है उसे निजवाचक सर्वनाम  कहते है |

        राधा स्वयं गाडी चलाती है    |

         लडका  अपने आप चला आया |    

3.निश्चयवाचक सर्वनाम -जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति,वस्तु अदि का बोध  हो उसे निश्चयवाचक

 सर्वनाम कहते है ||

यह राम का आम है | वह राम का मन्दिर है |

ये हमारे बच्चे है | वे उसके मित्र है 

 4.अनिश्चयवाचक सर्वनाम -जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति,वस्तु अदि का बोध न   हो उसे निश्चयवाचक

 सर्वनाम कहते है |

कोई आया है |

कुछ लोग गये है |

 5.सम्बन्ध वाचक सर्वनाम  -जो  सर्वनाम दो व्यक्तियों का ,दो वस्तुओं का अथवा दो बातों  का संबंध बतलाए उन्हें

सम्बन्ध वाचक सर्वनाम कहते है |

जो पढ़ेगा वह पास हो जाएगा

  6.प्रश्नवाचक सर्वनाम-जो  सर्वनाम प्रश्न करने के लिए आते है,उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है |

तुम्हें क्या चाहिए ?

कौन आया है ?

📣  सर्वनाम - हिंदी अध्ययन मंडल ऍफ़.एम्

💻   सर्वनाम परिचय विडियो

विशेषण      

विशेषण   वह विकारी शब्द  जिससे संज्ञा  या सर्वनाम की विशेषता,गुण,धर्म आदि का बोध होता है  |

  राम अच्छा लड़का है | गुलाब सुन्दर फूल है 

  सीता अच्छी लडकी है|

अच्छा लड़का।  अच्छे लड़के।  अच्छी लड़की

विशेषण के 4 भेद    है      

                                      1.गुणवाचक विशेषण      

                                      2.संख्यावाचक  विशेषण 

                                      3.परिमाणवाचक विशेषण 

                                      4.सार्वनामिक विशेषण 

 1.गुणवाचक विशेषण      

       जिस विशेषण  से संज्ञा  या सर्वनाम के गुण,रंग,आकर,काल,दशा ,स्थान आदि का बोध हो उसे गुणवाचक

 विशेषण कहते है |

भला आदमी ,दुष्ट लड़का ,लाल दुपट्टा ,काला कौवा ,भारतीय लडकी ,मोटी औरत 

2.संख्यावाचक  विशेषण 

      जिस विशेषण  से संज्ञा  या सर्वनाम की संख्या का बोध   हो उसे संख्या वाचक विशेषण कहते है |

एक लड़का ,कई लडकियाँ ,पहला स्थान ,प्रत्येक व्यक्ति 

 3.परिमाणवाचक विशेषण 

जिस विशेषण  से किसी वस्तु  की माप तौल आथवा परिमाण का बोध होता है परिमाणवाचक विशेषण कहते है |

सवा सेर  चावल ,पांच किलो  चीनी ,थोडा घी ,कम पानी 

4.सार्वनामिक विशेषण 

सर्वनाम यदि विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो तो वह सार्वनामिक विशेषण कहलाता है |

वह मेरा घर है |यह लडकी कहाँ  रहती है |

विशेषणों के रूपान्तर 

पुल्लिंग  एक वचन

पुल्लिंग बहु वचन

स्त्री लिंग दोनों वचन

अच्छा

अच्छे

अच्छी

काला

काले

काली

सस्ता

सस्ते

सस्ती

 विशेषणों की तुलना

मूलावस्था

उत्तरावस्था

उत्तमावस्था

सुंदर

सुन्दरतर

सुन्दरतम

उच्च

उच्चतर

उच्चतम

प्रिय

प्रियतर

प्रियतम

विशेषण -हिंदी अध्यनन मंडल एफ एम


💻  विशेषण वीडियो क्लास 

                 क्रिया 

  जिस शब्द से किसी काम का करना या होना समझा जाय,उसे क्रिया कहते है | क्रिया  विकारी शब्द है |

जैसे -आना ,खाना,पीना   
धातु 
             जिन मूल शब्दों से क्रियाएँ बनती है ,उन्हें धातु कहते है |धातु में 'ना 'जोड़ने से क्रिया का सामन्य रूप बनता है | 
पढ़ +ना -पढना 
चढ़+ ना -चढना 
कर्ता ,कर्म और क्रिया 

कर्ता -क्रिया के करनवाले को कर्ता कहते है 

कर्म -क्रिया का फल कर्ता से हटकर जिस पर पड़ता है,कर्म कहते है 

क्रिया -क्रिया का फल कर्ता से हटकर जिस पर पड़ता है,कर्म कहते है और उनके द्वारा होनेवाले कार्य को क्रिया कहते है |

राम(कर्ता ) पुस्तक(कर्म ) पढ़ता है (क्रिया ) |

सीता (कर्ता ) आम (कर्म ) खाती  है (क्रिया ) |

अनुवाद 

    किसी भाषा  में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। 'अनुवाद'शब्द अनु+वाद से बना है |संस्कृत शब्द 'वद' का अर्थ है 'बोलना'उसके आगे 'अनु'उपसर्ग लगाने से अनुवाद शब्द बनता है|इसका अर्थ होता है 'पुनः कथन'या 'बाद में कहना '|

     अनुवाद करने के लिए दो भाषाओं की आवश्यकता है -श्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा |

     श्रोत भाषा - जिस भाषा से अनुवाद करना है |

     लक्ष्य भाषा - जिस भाषा में अनुवाद करना है 

     अनुवाद करनेवाले व्यक्ति को अनुवादक कहते है |

अनुवादक के गुण 

👉 श्रोत भाषा का सही ज्ञान 

👉 लक्ष्य भाषा का सही ज्ञान 

👉 विषय का ज्ञान 

👉 तटस्थता 

अनुवाद के प्रकार 

👉 शब्दानुवाद 

👉 भावानुवाद 

👉 छायानुवाद 

👉 सारानुवाद 

👉 व्याख्यानुवाद

👉 आशु अनुवाद 

👉 रूपांतरण 

अनुवाद परिचय

अनुवाद

पत्र

किसी माध्यम पर लिखे गए संदेश को पत्र कहते है |पत्र लेखन का कार्य पारिवारिक जीवन से लेकर

व्यापार तथा अन्य क्षेत्रो में प्रयोग किया जाता है |

                         पत्रों के प्रकार (Types of letters In Hindi) :

अनौपचारिक पत्र (Informal letter )
व्यक्तिगत पत्र

औपचारिक पत्र (Formal letter)

👉 प्रार्थना पत्र – Request Letter

👉 व्यवसायिक पत्र – Business Letter
👉 सरकारी/कार्यालयी पत्र – Official Letter

👉 नौकरी के लिए आवेदन पत्र - Application for job

👉 संपादक के नाम पत्र - Letter to Editor

👉 शिकायत पत्र -Complaint letter

      अनौपचारिक पत्र  नमूना 

स्थान ………

तिथि …………

पूजनीय /प्यारा /प्यारी /प्रिय

सादर प्रणाम/ बहुत प्यार

पत्र लिखने का कारण ----------


आपका /तुम्हारा

हस्ताक्षर

अनौपचारिक पत्र क्यों लिखा जाता है ?

  1. अपने  मित्रों,रिश्तेदारों आदि को निजी संदेश भेजने 
  2. बधाई,शोक संदेश ,आमत्रण आदि के लिए 

पत्रों के गुण

.सरलता - पत्र की भाषा सरल होनी चाहिए | सरल पत्र पाठक के मन पर अत्यधिक प्रभाव डालेंगे |

.स्पष्टता -  पत्रों में अपनी बात स्पष्ट तथा विनम्रता से व्यक्त करना है |
 
संक्षिप्तता  -  अपनी बात संक्षिप्त रूप में व्यक्त करना चाहिए |     

☈.शिष्टाचार - पत्र  लिखनेवाले और पानेवाले के बीच के रिश्ते के अनुसार आदर,मित्रता को सूचित करने के लिए

प्यरा/प्रिय/  प्यारा /पूजनीय.जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए

☈.आकर्षणीयता -पत्र आकर्षक एवं सुंदर होना चाहिए |

संक्षेपण

संक्षेपण या संक्षिप्त लेखन में दिए गये अनुछेद के सभी तथ्यों को सुगठित भाषा में प्रस्तुत करता है |

संक्षेपण

संक्षेपण या संक्षिप्त लेखन में दिए गये अनुछेद के सभी तथ्यों को सुगठित भाषा में प्रस्तुत करता है |
संक्षेपण में विषय-वस्तु के मूल भाव को संक्षिप्त और सरल रूप में लिखना  है 
✅ संक्षेपण में मूल अनुच्छेद के मुख्य विचारों और भावों को क्रमबद्ध रूप में  में  प्रस्तुत करना  है 
✅ व्याकरण के नियमों पर ध्यान देना है 
विस्तृत  जानकारी केलिए देखें -संक्षेपण

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