HINDI BHASHA MEIN SANCHAR AUR RACHANATMAK LEKHAN - BHAG I
MODULE 1
भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।
भाग | विषय | अनुच्छेद |
---|---|---|
भाग 1 | संघ और उसके क्षेत्र | (अनुच्छेद 1-4) |
भाग 2 | नागरिकता | (अनुच्छेद 5-11) |
भाग 3 | मूलभूत अधिकार | (अनुच्छेद 12 - 35) |
भाग 4 | राज्य के नीति निदेशक तत्त्व | (अनुच्छेद 36 - 51) |
भाग 4A | मूल कर्तव्य | (अनुच्छेद 51A) |
भाग 5 | संघ | (अनुच्छेद 52-151) |
भाग 6 | राज्य | (अनुच्छेद 152 -237) |
भाग 7 | संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित | (अनु़चछेद 238) |
भाग 8 | संघ राज्य क्षेत्र | (अनुच्छेद 239-242) |
भाग 9 | पंचायत | (अनुच्छेद 243- 243O) |
भाग 9A | नगरपालिकाएँ | (अनुच्छेद 243P - 243ZG) |
भाग 10 | अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र | (अनुच्छेद 244 - 244A) |
भाग 11 | संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध | (अनुच्छेद 245 - 263) |
भाग 12 | वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वाद | (अनुच्छेद 264 -300A) |
भाग 13 | भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम | (अनुच्छेद 301 - 307) |
भाग 14 | संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ | (अनुच्छेद 308 -323) |
भाग 14A | अधिकरण | (अनुच्छेद 323A - 323B) |
भाग 15 | निर्वाचन | (अनुच्छेद 324 -329A) |
भाग 16 | कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबन्ध सम्बन्ध | (अनुच्छेद 330- 342) |
भाग 17 | राजभाषा | (अनुच्छेद 343- 351) |
भाग 18 | आपात उपबन्ध | (अनुच्छेद 352 - 360) |
भाग 19 | प्रकीर्ण | (अनुच्छेद 361 -367) |
भाग 20 | संविधान के संशोधन | अनुच्छेद - 368 |
भाग 21 | अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध | (अनुच्छेद 369 - 392) |
भाग 22 | संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन | (अनुच्छेद 393 - 395) |
- समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18 तक।
- स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22 तक।
- शोषण के विरुध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24 तक।
- धार्मिक स्वतंत्रता क अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28 तक।
- सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बंधित अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30 तक।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32
1 | संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना; |
2 | उन महान आदर्शों को संजोना और उनका पालन करना जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित किया; |
3 | भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना; |
4 | देश की रक्षा करना और ऐसा करने के लिए बुलाए जाने पर राष्ट्रीय सेवा प्रदान करना; |
5 | धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या अनुभागीय विविधताओं से परे भारत के सभी लोगों के बीच सद्भाव और समान भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना; महिलाओं की गरिमा के प्रति अपमानजनक प्रथाओं का त्याग करना; |
6 | हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देना और संरक्षित करना; |
7 | जंगलों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया रखना; |
8 | वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद तथा जांच एवं सुधार की भावना का विकास करना; |
9 | सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा का त्याग करना; |
10 | व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधि के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता की दिशा में प्रयास करना ताकि राष्ट्र लगातार प्रयास और उपलब्धि के उच्च स्तर तक बढ़ सके; |
11 | जो माता-पिता या अभिभावक है, वह छह से चौदह वर्ष की आयु के अपने बच्चे या, जैसा भी मामला हो, प्रतिपाल्य को शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा। |
3 Screening/ viewing – निर्मला एपिसोड - 1, निर्मला एपिसोड -2
अतिरिक्त जानकारी
हिंदी के भगीरथ साहित्यकार : मुंशी प्रेमचंद // भाग - 1
हिंदी के भगीरथ साहित्यकार : मुंशी प्रेमचंद // भाग - 2
MODULE II
दो कलाकार -भगवती चरण वर्मा
✅उपन्यास- पतन,भूले बिसरे चित्र,सीधी सच्ची बातें आदि
भक्तिकाल हिंदी साहित्य के स्वर्ण युग
भक्ति दो प्रकार का 👉 सगुण भक्ति और निर्गुण भक्ति
कृष्ण( सूरदास,मीराबाई )
2.निर्गुण भक्ति –ज्ञानाश्रयी( कबीरदास )
प्रेमाश्रई (जायसी)
कबीर दास
👉 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत । 👉 ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रवर्तक कवि
👉 रामानंद का शिष्य
👉 अनपढ़ फकीर
👉 देशाटन और साधुओं की संगति से ज्ञानी बने
कबीरदास का ईश्वर - निर्गुण-निराकार ब्रह्म *कबीर का सारा जीवन सत्य की खोज तथा असत्य के खंडन में व्यतीत हुआ। *कवि और समाज सुधारक * सधुक्कड़ी या पचमेल खिचड़ी भाषा *जनभाषा का प्रयोग *कबीरदास वाणी का डिक्टेटर कहा - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी *कबीर भारतीय संस्कृति का हीरा*धर्मदास ने कबीरदास की वाणियों का संग्रह " बीजक " नाम के ग्रंथ मे किया |" बीजक " के तीन भाग है | 'साखी',सबद और 'रमैनी' 📹 कबीरदास परिचय - वीडियो क्लास माया दीपक नर पतंग, भ्रमि भ्रमि इवैं पडंत।कहै कबीर गुर ग्यान तैं, एक आध उबरंत॥
ढाई अक्षर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।।
भाषा
भाषा के प्रकार - कथित भाषा( इसमें ध्वनियों का प्रयोग होता है ) और लिखित भाषा ( इसमें ध्वनियों के प्रतिनधि चिह्नों का प्रयोग होता है )
भाषा के प्रतिनिधि चिह्नों को वर्ण या अक्षर कहते है |-
अक्षरों के सार्थक समूह को शब्द कहते है
शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते है | वाक्यों से भाषा बनती है |
भाषा के सही ज्ञान के लिए व्याकरण की आवश्यकता है |भाषा के शुद्ध प्रयोग के लिए व्याकरण की आवश्यकता है |
व्याकरण
व्याकरण वह विधा या शास्त्र है ,जिसकी सहयता से मनुष्य शुद्ध भाषा,बोल पढ़ और लिख सकता है |
व्याकरण = वर्ण- शब्द -वाक्य का वैज्ञानिक अध्ययन
वर्ण - दो प्रकार का स्वर और व्यंजन
11 स्वर और 33 व्यंजन --- कुल 44 वर्ण
स्वर
अ , आ , इ , ई , उ , ऊ , ऋ , ए , ऐ , ओ , औ , अं, अः
व्यंजन
क वर्ग – क , ख , ग , घ , डं
च वर्ग – च , छ , ज , झ , ञ
ट वर्ग – ट , ठ , ड , ढ , ण
त वर्ग – त , थ , द , ध , न
प वर्ग – प , फ , ब , भ , म
लिपि - वर्णों के लिखने का क्रम लिपि नाम से जाना जाता है
हिंदी देव नागरी लिपि में लिखी जाती है
💻 वीडियो क्लास -भाषा,व्याकरण.वर्ण
संज्ञा
संज्ञा (Noun)
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा -जिस संज्ञा के द्वारा किसी,व्यक्ति,वस्तु,अथवा स्थान का बोध होता है उसे
व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है | जैसे - राम ,पुस्तक,दिल्ली
2.जातिवाचक संज्ञा -जो संज्ञा एक जाति के समस्त प्राणियों अथवा पदार्थों का बोध कराती है,उसे
जाती वाचक संज्ञा कहते है |जैसे-पुस्तक,नदी,मनुष्य
3.भाववाचक संज्ञा -जो संज्ञा किसी पदार्थ के गुण अथवा व्यापार का बोध कराती है,वह भाव
वाचक संज्ञा कहलाती है |जैसे हंसी,खुशी,भलाई
संज्ञा रूप लिखिए
मनुष्य -मनुष्यता हसना-हसी रोना-रुलाई पढना -पढाई
शिशु-शैशव खेलना-खेल लड़ना- लड़ाई सिलना -सिलाई
बूढा-बुढ़ापा चोर-चोरी काला -कालापन चढ़ना -चढाई
मित्र-मित्रता ठंडा -ठंड घबराना -घबराहट लाल-लाली
संज्ञा - हिंदी अध्यनन मंडल एफ एम
सर्वनाम
3.निश्चयवाचक सर्वनाम (यह,वह,ये,वे )
4.अनिश्चयवाचक सर्वनाम (कोई,कुछ)
5.सम्बन्ध वाचक सर्वनाम (जो-वह )
6.प्रश्नवाचक सर्वनाम (क्या,कब ,क्यों ...)
1.पुरुषवाचक सर्वनाम -जिस सर्वनाम के द्वारा बोलनेवाले का ,सुननेवाले का अथवा जिस व्यक्ति के बारे
में बोला जाता है का बोध हो पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है | इसके तीन भेद है
1. उत्तम पुरुष -बोलने या लिखनेवाले का बोध देता है {मैं,हम}
2 .मध्यम पुरुष-सुननेवाले के लिए प्रयुक्त्त होता है { तू,तुम, आप}
3. अन्य पुरुष-जिसके विषय में कुछ कहा जाय(यह वह ,ये,वे )
2 .निजवाचक सर्वनाम-जो सर्वनाम अपने आप के लिए प्रयुक्त होता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते है |
राधा स्वयं गाडी चलाती है |
लडका अपने आप चला आया |
3.निश्चयवाचक सर्वनाम -जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति,वस्तु अदि का बोध हो उसे निश्चयवाचक
सर्वनाम कहते है ||
यह राम का आम है | वह राम का मन्दिर है |
ये हमारे बच्चे है | वे उसके मित्र है
4.अनिश्चयवाचक सर्वनाम -जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति,वस्तु अदि का बोध न हो उसे अनिश्चयवाचक
सर्वनाम कहते है |
कोई आया है |
कुछ लोग गये है |
5.सम्बन्ध वाचक सर्वनाम -जो सर्वनाम दो व्यक्तियों का ,दो वस्तुओं का अथवा दो बातों का संबंध बतलाए उन्हें
सम्बन्ध वाचक सर्वनाम कहते है |
जो पढ़ेगा वह पास हो जाएगा
6.प्रश्नवाचक सर्वनाम-जो सर्वनाम प्रश्न करने के लिए आते है,उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है |
तुम्हें क्या चाहिए ?
कौन आया है ?
📣 सर्वनाम - हिंदी अध्ययन मंडल ऍफ़.एम्
विशेषण
विशेषण वह विकारी शब्द जिससे संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता,गुण,धर्म आदि का बोध होता है |
राम अच्छा लड़का है | गुलाब सुन्दर फूल है
सीता अच्छी लडकी है|
अच्छा लड़का। अच्छे लड़के। अच्छी लड़की
विशेषण के 4 भेद है
1.गुणवाचक विशेषण
2.संख्यावाचक विशेषण
3.परिमाणवाचक विशेषण
4.सार्वनामिक विशेषण
1.गुणवाचक विशेषण
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम के गुण,रंग,आकर,काल,दशा ,स्थान आदि का बोध हो उसे गुणवाचक
विशेषण कहते है |
भला आदमी ,दुष्ट लड़का ,लाल दुपट्टा ,काला कौवा ,भारतीय लडकी ,मोटी औरत
2.संख्यावाचक विशेषण
जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध हो उसे संख्या वाचक विशेषण कहते है |
एक लड़का ,कई लडकियाँ ,पहला स्थान ,प्रत्येक व्यक्ति
3.परिमाणवाचक विशेषण
जिस विशेषण से किसी वस्तु की माप तौल आथवा परिमाण का बोध होता है परिमाणवाचक विशेषण कहते है |
सवा सेर चावल ,पांच किलो चीनी ,थोडा घी ,कम पानी
4.सार्वनामिक विशेषण
सर्वनाम यदि विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो तो वह सार्वनामिक विशेषण कहलाता है |
वह मेरा घर है |यह लडकी कहाँ रहती है |
विशेषणों के रूपान्तर
पुल्लिंग एक वचन | पुल्लिंग बहु वचन | स्त्री लिंग दोनों वचन |
अच्छा | अच्छे | अच्छी |
काला | काले | काली |
सस्ता | सस्ते | सस्ती |
विशेषणों की तुलना
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
सुंदर | सुन्दरतर | सुन्दरतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
विशेषण -हिंदी अध्यनन मंडल एफ एम
💻 विशेषण वीडियो क्लास
क्रिया
अनुवाद
किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद (Translation) कहलाता है। 'अनुवाद'शब्द अनु+वाद से बना है |संस्कृत शब्द 'वद' का अर्थ है 'बोलना'उसके आगे 'अनु'उपसर्ग लगाने से अनुवाद शब्द बनता है|इसका अर्थ होता है 'पुनः कथन'या 'बाद में कहना '|
अनुवाद करने के लिए दो भाषाओं की आवश्यकता है -श्रोत भाषा और लक्ष्य भाषा |
श्रोत भाषा - जिस भाषा से अनुवाद करना है |
लक्ष्य भाषा - जिस भाषा में अनुवाद करना है
अनुवाद करनेवाले व्यक्ति को अनुवादक कहते है |
अनुवादक के गुण
👉 श्रोत भाषा का सही ज्ञान
👉 लक्ष्य भाषा का सही ज्ञान
👉 विषय का ज्ञान
👉 तटस्थता
अनुवाद के प्रकार
👉 शब्दानुवाद
👉 भावानुवाद
👉 छायानुवाद
👉 सारानुवाद
👉 व्याख्यानुवाद
👉 आशु अनुवाद
👉 रूपांतरण
पत्र
पत्रों के प्रकार (Types of letters In Hindi) :
अनौपचारिक पत्र (Informal letter )औपचारिक पत्र (Formal letter)
👉 व्यवसायिक पत्र – Business Letter
अनौपचारिक पत्र नमूना
स्थान ………
तिथि …………
पूजनीय /प्यारा /प्यारी /प्रिय
सादर प्रणाम/ बहुत प्यार
पत्र लिखने का कारण ----------
आपका /तुम्हारा
हस्ताक्षर
अनौपचारिक पत्र क्यों लिखा जाता है ?
- अपने मित्रों,रिश्तेदारों आदि को निजी संदेश भेजने
- बधाई,शोक संदेश ,आमत्रण आदि के लिए
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