HIN4FV110(3) HARMONY OF HUMANITY IN HINDI LETERATURE

 मूल्य 

 नैतिकसामाजिक और व्यक्तिगत सिद्धांत- जो हमारे जीवन को अर्थ देकर  हमें निर्णय लेने में मदद करते हैं।

मूल्य शिक्षण 

इन प्रश्नों को उत्तर देने के लिए मूल्य शिक्षण आवश्यक है ?

१. विश्व में  शान्ति कैसे लाया  जा सकता है ?

२. विश्व में भाईचारा कैसे लाया जा सकता है ?

३. विश्व में आपसी मैत्री कैसे लाया जा सकता है ?

४. विश्व  में सामाजिक उत्तरदायित्वबोध कैसे लाया जा सकता है ? 

५. विश्व  में समस्याएं होने का मूल कारण क्या है ?

७. विश्व में ईमानदारी, दया, दान, सहिष्णुता, शिष्टाचार, सहानुभूति कैसे लाया जा सकता है 

८. विश्व में सामजिक जारूकता कैसे लाया जा सकता है ?

९. विश्व में भाईचारा कैसे लाया जा सकता है ?

१०. विश्व में सामाजिक समरसता कैसे लाया जा सकता है ?

११.विश्व में  राष्ट्रीय एकता,समानता, सामाजिक न्याय, और लोकतांत्रिक नागरिकता को बढ़ावा देने 
१२.प्रत्येक मानवीय क्रिया व्यक्तिगत और सामाजिक मूल्यों का प्रतिबिंब है ,मानवीय क्रिया को बेहत्तर बनाने के लिए 
मानविकता ( HUMANITY )

मानवता - मनुष्यों में पाया जाता है, जिसमें दया,क्षमा,सहनशीलता,शुद्धता,सत्य,विवेक,सहानुभूति, दया और प्रेम जैसे भाव शामिल  हैं।
                मनुष्य, मनुष्य के साथ सद्व्यवहार करना
                सत्य, अहिंसा, करुणा, सेवा, प्रेम, सहानुभूति, और नैतिकता को सिखाना  
               प्रत्येक मानव की गरिमा को मानते हुए ह सामाजिक और वैश्विक उत्तरदायित्व के अनुरूप व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अवसर का                   समर्थन करना 
               प्रकृतिवाद पर आधारित विश्व दृष्टि 
     कबीरदास 

जन्म: लगभग 1398 ईस्वी, वाराणसी (काशी) में।
नीरू और नीमा पिता और माता के रूप में जाना जाता है 
रामानंद का शिष्य 
जातिवाद, रूढ़िवाद और अंधविश्वास के विरोधी
भक्ति आंदोलन को और अधिक जन-जन तक पहुँचाया 
देशाटन और साधुओंकी संगति से ज्ञानी बने 
सामज सुधारक कवि 
निर्गुण भक्तिधारा के कवि 
ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि 
बीजक (साखी,सबद,रमैनी) मुख्य रचना 
धर्मदास ने  बीजक का सम्पादन किया 
सच्ची भक्ति, सामाजिक समानता, आत्मा की शुद्धि पर ज़ोर 
भाषा- सधुक्कड़ी या पंचमेल खिचड़ी 
निराकार (बिना रूप या आकार के) ईश्वर की अवधारणा पर बल दिया
सामाजिक समरसता और समानता लाने का कोशिश           मानवतावाद स संसार में मानवीय आवश्यकताओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए मानवीय प्रयासों के उपयोग पर ध्यान देता है
सूरदास 

हिंदी साहित्य के भक्तिकालीन कृष्ण भक्ति कवि 
सगुण भक्ति शाखा के कवि 
वात्सल्य और माधुर्य रस का अद्भुत संगम
सूरसागर’ ,‘सूरसारावली’,‘साहित्य-लहरी’ मुख्य रचनाएँ 
व्रज भाषा में रचनाएँ 
श्रीवल्लभाचार्य का शिष्य 
पुष्टि मार्ग की अनुयायी 

तुलसीदास 
हिंदी साहित्य के भक्तिकालीन कवि 
राम भक्ति शाखा के प्रवर्तक 
रामचरितमानस(अवधी में रचित रामायण का रूपांतरण) की रचयिता
कवितावली, विनय पत्रिका, दीपावली, हनुमान चालीसा आदि उनकी रचनाएँ 
भाषा अवधी
भक्ति, नैतिकता, धर्म और मानव जीवन के आदर्श मूल्यों का चित्रण




बिहारी 
बिहारी लाल चतुर्वेदी, जिन्हें आमतौर पर बिहारी के नाम से जाना जाता है
ब्रज भाषा में अपनी कविताएँ रची 
बिहारी सतसई – 700 दोहों का संग्रह
प्रेम, श्रृंगार, और नीतिपरक भावनाओं का मिश्रण
रीतिकालीन कवि 
रहीम 
पूरा नाम: अब्दुल रहीम ख़ान-ए-ख़ाना
वो मुगल सम्राट अकबर के दरबारी कवि और सेनानी 
भक्ति, नीतिवचन, और जीवन मूल्यों का संदेश


स्त्री और पुरुष -प्रेमचंद 
वास्तविक नाम: धनपत राय श्रीवास्तव 
जन्म: 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
हिंदी-उर्दू साहित्य के सबसे महान कथाकार 
“उपन्यास सम्राट” के रूप में विख्यात 
उर्दू में “नवाब राय” के नाम से लेखन
हिंदी में "प्रेमचंद" नाम से लेखन 
उपन्यास, कहानी, नाटक,निबंध,बाल साहित्य जैसे सभी साहित्यिक विधाओं में रचना 
300 से अधिक कहानियाँ और एक दर्जन से ज्यादा उपन्यास
किसानों, गरीबों, स्त्रियों की समस्याओं, सामाजिक अन्याय और शोषण का चित्रण 
मानसरोवर (आठ भागों में लगभग 300 कहानियों का संकलन)
हिंदी-उर्दू जगत में यथार्थवादी परंपरा के प्रमुख लेखक 



Photo courtesy -WIKI Commons
 

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.